Wednesday, October 8, 2008
MERI GIRLFRIENDS
Sunday, June 29, 2008
...REH GAYE
Tuesday, January 22, 2008
OH MY LIFE...!
Oh my life , what a bless you are !
Oh my life , what a mess you are !
i love u for the glorious days,
which you have always given me;
i condemn you for the miseries,
with which you have stricken me !
i 've loved your charms,
i 've felt your calms;
you made me think,
in the time of a blink;
the laborious days,
the assiduous nights,
n then the glory,
reaching ecstatic heights.
but everything 's gone in the eddy of life,
i've lost my tranquillizing,intoxicating fife.
but glory will have to return to me,
someday again i 'll make merry in glee.
oh dear AMIT have faith in you,
this is what LIFE is-with ups n downs
when i've accepted its loving smiles
why should i be afraid of its frowns.
it is often darkest before the night's over,
then comes DAY-with its shining crowns
Wednesday, January 16, 2008
मेरी खर्चीली GIRLFRIEND
तू band मेरा बजाती है ,
मैं सादा पानी पीता हूँ
तू mushroom pizza खाती है ।
लंबे -चौड़े से menu की
हर चीज़ तुझको भाती है ,
तेरे खाने का bill देख-देख
मेरी नब्ज़ डूबती जाती है ।
Movie का कभी plan बनाऊँ तो
बस multiplex ही चाहती है ,
और interval में भर पेट ज़ालिम
महँगा pop-corn खाती है ।
टहलने को जब भी कहीं निकलें
सीधे mall में ले जाती है ,
जी भर शॉपिंग करती है
और मेरा माल उड़ाती है ।
छोड़ भी नहीं सकता मैं तुझको
दोस्तों में धाक जो जम जाती है ,
अब जैसे -तैसे काट रहा हूँ
बस किसी तरह कट जाती है ।
जान तो जब फँस ही गई है
अब किसी तरह तो निभानी है ,
पर मैं अकेला नहीं हूँ यारों
तुम सबकी भी यही कहानी है । ।
Tuesday, January 15, 2008
तेरी यादों के दम पर
इनायत ना हुई हम पर
फ़क़त रूह बाक़ी है जिस्म में
तेरी यादों के दम पर ।
ऐ साकी
क्यूँ ज़हर पिला दिया
मर रहे थे चैन से
फिर से क्यूँ जिला दिया ।
बस पीने की ख्वाहिश थी
क्यूँ इतनी रहमत कर दी
माँगा था एक घूँट बस
क्यूँ सागर पिला दिया ।
जो कहा तेरी नज़रों ने
बस वही तो कर बैठे
जब आदत हो गयी पीने की
क्यूँ मयखाना छुड़ा दिया ।
पीते रहे ज़हर बेहिसाब
और उफ़ तक भी ना की
हर जाम में क्यूँ इतना
तूने प्यार मिला दिया । ।
आज भी ...
इंतज़ार की रातों को
क्या तुम भी भूल सकोगे
उन बहकी -बहकी बातों को ?
तुझे देख दिन होता शुरू
दिल की धड़कन बढ़ जाती
आँखों से हँसकर जो देखा
जगाया दिल के जज़्बातों को ।
आज फिर याद करता हूँ मैं
वो हरपल हँसती आँखें तेरी
और उनमें डूबकर किये गए
साथ जीने के वादों को ।
तेरी तस्वीर से ही सही
दिल की बातें कह लेता था
खो गयी वो भी जाने कहाँ
अब किससे करूँ फरियादों को ?
हाथ बढ़ाकर छुआ जो दिल को
कितने अरमाँ जगा दिए
खूँ के आँसू रोया ये दिल
जब तोड़ा तूने नातों को ।
चले गए यार तुम तो
लगाकर आग पानी में
मैं इस दिल के अश्कों से
जलाता रहा बरसातों को । ।