Tuesday, January 22, 2008

OH MY LIFE...!

Oh my life , what a bless you are !
Oh my life , what a mess you are !

i love u for the glorious days,

which you have always given me;

i condemn you for the miseries,

with which you have stricken me !

i 've loved your charms,
i 've felt your calms;
you made me think,
in the time of a blink;
the laborious days,
the assiduous nights,
n then the glory,
reaching ecstatic heights.

but everything 's gone in the eddy of life,
i've lost my tranquillizing,intoxicating fife.
but glory will have to return to me,
someday again i 'll make merry in glee.
oh dear AMIT have faith in you,
this is what LIFE is-with ups n downs
when i've accepted its loving smiles
why should i be afraid of its frowns.
it is often darkest before the night's over,
then comes DAY-with its shining crowns

Wednesday, January 16, 2008

मेरी खर्चीली GIRLFRIEND

तुझे date पर जब ले जाता हूँ
तू band मेरा बजाती है ,
मैं सादा पानी पीता हूँ
तू mushroom pizza खाती है ।

लंबे -चौड़े से menu की
हर चीज़ तुझको भाती है ,
तेरे खाने का bill देख-देख
मेरी नब्ज़ डूबती जाती है ।

Movie का कभी plan बनाऊँ तो
बस multiplex ही चाहती है ,
और interval में भर पेट ज़ालिम
महँगा pop-corn खाती है ।

टहलने को जब भी कहीं निकलें
सीधे mall में ले जाती है ,
जी भर शॉपिंग करती है
और मेरा माल उड़ाती है ।

छोड़ भी नहीं सकता मैं तुझको
दोस्तों में धाक जो जम जाती है ,
अब जैसे -तैसे काट रहा हूँ
बस किसी तरह कट जाती है ।

जान तो जब फँस ही गई है
अब किसी तरह तो निभानी है ,
पर मैं अकेला नहीं हूँ यारों
तुम सबकी भी यही कहानी है । ।

Tuesday, January 15, 2008

तेरी यादों के दम पर

मुद्दतों से तेरे दीदार की
इनायत ना हुई हम पर
फ़क़त रूह बाक़ी है जिस्म में
तेरी यादों के दम पर ।

ऐ साकी

ऐ साकी हमको इश्क का
क्यूँ ज़हर पिला दिया
मर रहे थे चैन से
फिर से क्यूँ जिला दिया


बस पीने की ख्वाहिश थी
क्यूँ इतनी रहमत कर दी
माँगा था एक घूँट बस
क्यूँ सागर पिला दिया ।


जो कहा तेरी नज़रों ने
बस वही तो कर बैठे
जब आदत हो गयी पीने की
क्यूँ मयखाना छुड़ा दिया ।

पीते रहे ज़हर बेहिसाब
और उफ़ तक भी ना की
हर जाम में क्यूँ इतना
तूने प्यार मिला दिया । ।

आज भी ...

आज भी याद करता हूँ मैं
इंतज़ार की रातों को
क्या तुम भी भूल सकोगे
उन बहकी -बहकी बातों को ?

तुझे देख दिन होता शुरू
दिल की धड़कन बढ़ जाती
आँखों से हँसकर जो देखा
जगाया दिल के जज़्बातों को ।

आज फिर याद करता हूँ मैं
वो हरपल हँसती आँखें तेरी
और उनमें डूबकर किये गए
साथ जीने के वादों को ।

तेरी तस्वीर से ही सही
दिल की बातें कह लेता था
खो गयी वो भी जाने कहाँ
अब किससे करूँ फरियादों को ?

हाथ बढ़ाकर छुआ जो दिल को
कितने अरमाँ जगा दिए
खूँ के आँसू रोया ये दिल
जब तोड़ा तूने नातों को ।

चले गए यार तुम तो
लगाकर आग पानी में
मैं इस दिल के अश्कों से
जलाता रहा बरसातों को । ।